Sunday 25 July 2021

Trekking Gears Part 2 (ट्रैकिंग टैन्ट)

(Trekking Gears Part 2)

ट्रैकिंग / हाइकिंग टैन्ट (Alpine Tent)

चलिए आज चर्चा करते हैं ट्रैकिंग टैन्ट के बारे में। 

मुझे लगता है सबसे ज्यादा लोग टैन्ट को लेकर ही कंफ्यूज रहते हैं, जबकि मेरी नजर में ये सबसे सीधा और सुलझा इक्विपमेंट है, जिसको खरीदने के एक दो बेसिक ही होने चाहिए, अगर उनपर खरा उतरे तो खरीद लेना चाहिए।

टैन्ट मतलब हिमालय में हमारा घर। दिन भर ऑफिस की थकान के बाद अगर घर पर आराम ना मिले और सही से नींद न आए तो हम अपने घर में ही परेशान हो जाते हैं, फिर ये तो हिमालय है। कैसे इसमें कोम्प्रोमाईज़ कर सकते हैं। इसलिए टैन्ट के चुनाव में कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट हैं जिनका जिक्र मैं इस लेख में करना चाहूंगा, इसके बाद आपके विवेक और आवश्यकता पर छोड़ देते हैं, जो फिट बैठे वो लीजिये।

सबसे पहले आप अपनी यात्रा के प्रकार को डिसाइड कीजिये, मसलन आप अकेले ट्रैक करते हैं, या एक मित्र कोई और साथ होता है या फिर चार-पांच के ग्रुप में आप यात्रा करते हैं। यह सर्वप्रथम बिंदु है, टैन्ट के चुनाव के लिए। 

आज के समय में बाजार में हर प्रकार के टैन्ट उपलब्ध हैं। क्वालिटी के अनुसार भी और जितने लोगों के लायक चाहिए उसके अनुसार भी। यानी एक आदमी का टैन्ट, दो आदमी का टैन्ट, तीन का या उससे अधिक का, सब उपलब्ध हैं। हिमालय में छोटे टैन्ट ही चाहिए होते हैं, बड़े टैन्ट विदेशों में ज्यादा प्रचलित हैं, क्योंकि वहां वीकेंड पिकनिक इत्यादि पर लोग निकलते रहते हैं।

टैन्ट के चुनाव में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है, टैन्ट के वजन, साइज़, टैन्ट विंड प्रूफिंग और वाटरप्रूफिंग।  टैन्ट का वजन महत्वपूर्ण इसलिए है कि यदि आप सोलो ट्रैक कर रहे हैं तो आपने अपना सामान स्वयं ही ढोना है। ट्रैक पर एक-एक ग्राम सामान भी सोच समझकर लेकर जाना चाहिए, वहां आप सर्वाइवल मोड में हैं न कि पिकिनिक मोड में। चाहे बैग में रखा सामान हो टैन्ट हो या स्लीपिंग बैग कुछ भी हो, बैग जितना हल्का होगा उतनी आपको ही सुविधा रहेगी। साथ ही यह भी ध्यान रखना है कि टैन्ट हल्का तो हो ही लेकिन उसका मजबूत होना भी उतना ही आवश्यक है। 

अब बात करते हैं टैन्ट की मजबूती का, ट्रैकिंग टैन्ट को खड़ा करने के लिए उसके साथ कुछ रॉड दी जाती हैं। यही रॉड आपके इस घर के पिल्लर हैं। हवा, बारिश, बर्फ सबमें यही रॉड आपके टैन्ट को खड़ा रखेंगी। अगर बीच का एक भी पिल्लर तूफान या बारिश में ढह गया तो समझिए पूरा घर ढह गया। इसलिए यह चेक कर लें कि रॉड किस क्वालिटी की टैन्ट के साथ मिल रही हैं। ट्रैकिंग पर टैन्ट की रॉड कभी कभार टूट भी जाया करती हैं, क्या रॉड का सेट दुबारा एक स्पेयर पार्ट के जैसे खरीदें तो वह उपलब्ध होगा या नहीं, अगर नहीं तो एक रॉड क्या टूटी आपका टैन्ट किसी काम का नहीं रहा। हिमालय में अक्सर पूरी-पूरी रात बर्फबारी होती है, बर्फ के वजन से टैन्ट की रॉड टूट जाया करती हैं। मेरे कई ट्रैक में पूरी-पूरी रात बर्फ गिरती रही, हर आधे एक घण्टे में उठ-उठ कर और टैन्ट को हिलाकर बर्फ गिरानी पड़ी थी, जिससे टैन्ट ढहे नहीं।

दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है टैन्ट में प्रयोग हुआ कपड़ा किस क्वालिटी का है। अधिकतर कंपनियां टैन्ट के साथ उसकी डिस्क्रिप्शन भी देती हैं। मसलन टैन्ट को बनाने के बाद किन-किन परिस्थितियों में टेस्ट किया गया है। यानी टैन्ट तूफान में न उड़े उसके लिए कितने किलोमीटर प्रति घण्टे के तूफान में इसको परखा गया है। अमूमन 40 किलोमीटर प्रति घण्टे पर टैन्ट की टेस्टिंग होती है। टैन्ट को कितनी बारिश में और कितनी देर तक टेस्ट किया गया है, यह जान लेना भी आवश्यक है। 

टैन्ट के दो पार्ट होते हैं, इनर और आउटर। इनर में टैन्ट के बेस को छोड़ दें तो बाकी मैटीरियल वाटरप्रूफ नहीं होता, उसका कारण है वेंटिलेशन। अगर सब कुछ वाटरप्रूफ कर दिया जाएगा तो हवा न तो अन्दर आएगी न बाहर जाएगी। हिमालय में पहले ही ऑक्सीजन की कमी है, इसलिए टैन्ट के अंदर हवा पर्याप्त रहे यह भी जरूरी है, इसीलिए इनर पार्ट में हल्का कपड़ा और एक खिड़की दे दी जाती है। सिर्फ टैन्ट का आउटर ही वाटरप्रूफ होता है, इसलिए यह जांच कर लेनी चाहिए कि टैन्ट कितनी बारिश में और कितने घंटो के लिए टेस्ट किया गया है। 

ये ही कुछ प्रमुख टेक्निकल बिंदु थे जिनका ध्यान रखकर ही टैन्ट का चुनाव करना चाहिए, अब आप कहेंगे कि इतनी कहानी सुनाने के बजाय सीधे यह क्यों नहीं बता देते कि कौन सी कंपनी का और कौन सा टैन्ट खरीदें। चूंकि ब्रांड प्रमोशन नहीं कर सकता इसलिए अपने दो अनुभव शेयर करता हूँ, जिससे आपको थोड़ा आईडिया मिल जाएगा।

एक बार मैं जम्मू-कश्मीर में अपने मित्रों के साथ ट्रैक कर रहा था, जिसमें अपना सामान हमको स्वयं ही ढोना था। मेरे एक परममित्र हैं वो जो टैन्ट साथ लाए थे उसका वजन कोई पांच किलो था। तीन लोगों वाला टैन्ट था, पूरे ट्रैक पर अपने बैग के साथ उस टैन्ट को मुझे ढोना पड़ा था, और ट्रैक समाप्त होने तक टैन्ट को ढोने की वजह से मेरी बैंड बज गई थी। जबकि उसी टैन्ट की जगह उसी कंपनी का कम वजन और इतने ही स्पेस का टैन्ट उपलब्ध है। मैंने जब उनसे पूछा कि आपने ये क्यों खरीदा तो उनका उत्तर था कि डिस्काउंट में मिल रहा था इसलिए खरीद लिया। और मुझे नहीं लगता कि उसके बाद उन्होंने उस टैन्ट को फिर कभी प्रयोग किया भी होगा।

दूसरा अनुभव एक उत्तराखंड के ट्रैक का है, कठिन ट्रैक था तो एक मित्र पिकनिक वाला टैन्ट साथ ले आए। पहले दिन ही जब टैन्ट पिच करने लगे तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गई। उस टैन्ट में ओस भी गिरे तो अंदर तक सब कुछ गीला हो जाए। उनसे पूछा कि ये टैन्ट क्यों खरीदा तो उनका उत्तर था कि ऑन लाइन चेक कर रहे थे सस्ता मिल रहा था तो ले लिया।

कुल मिलाकर कहने का तात्पर्य यह है कि ट्रेकिंग इक्विपमेंट को खरीदते हुए यह मन में स्पष्ट होना चाहिए कि आपको क्या चाहिए, न कि सस्ता देखते ही मन डोल जाए और आप वो खरीद लें जिसकी जरूरत कभी पड़े ही नहीं।

चलते चलते बता दूं कि 3 Men टैन्ट मल्टीपर्पज होता है। अगले भाग में स्लीपिंग बैग, जैकेट, जूते और कपड़ों इत्यादि पर चर्चा करेंगे। आप सबके प्रश्नों और सुझावों का सदैव स्वागत है।

भविष्य में कुछ वीडियो ट्रैकिंग गियर पर बनाऊंगा, जो आपको Go Himalaya यूट्यूब चैनल पर मिल जाएंगी, नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर चैनल को सब्सक्राइब कर लें :-

https://youtube.com/channel/UCMsXywJdPQzl1xE_CNUmcsw


To be continued......

1 comment:

  1. ये सीरीज ज्ञानवर्धक है। ब्रांड इत्यादि का नाम भी लिख सकते हैं। साथ में उनके एफिलिएट लिंक भी दिया कीजिये। इससे ब्लॉगर की कमाई होती है तो रेगुलर लिखने की प्रेरणा मिलती है। अगले भाग का इंतजार रहेगा।

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