Friday 12 April 2019

गौमुख तपोवन ट्रैक (भाग-1)

दिल्ली से देहरादून
(2/10/2018, मंगलवार)
अनुपम चक्रवर्ती दादा काफी समय से मुझसे उत्तराखंड में किसी ट्रैक को करने को कह रहे थे। मैंने उन्हें दो तीन ट्रैक सुझाए थे लेकिन अंत में गोमुख - तपोवन जाना ही फाइनल हुआ। पहले जून माह में सतोपंथ जाने का कार्यक्रम भी बना था लेकिन पिछले वर्ष जून में लगातार बारिश के चलते सतोपंथ स्थगित कर दिया। उस समय अनुपम दा ने मेरे कहने पर गुवाहाटी से देहरादून की अपनी सारी एयर टिकिट आदि बुक करवा रखी थी, लेकिन मौसम की मार ऐसी पड़ी कि अंतिम समय में सारी टिकिट कैंसिल करनी पड़ गई।

ट्रेन टिकिट हों तो उनका रिफंड मिल भी जाता है, लेकिन एयर टिकिट अक्सर हम ऐसी बुक करते हैं कि उसका रिफंड ना के बराबर ही मिलता है। सारा नुकसान हो गया। इसके कुछ समय बाद उनका फिर से उत्तराखंड आने का कार्यक्रम बना, लेकिन अबकी उन्हीं के ऑफिस में कुछ ऐसी दिक्कत हुई कि इस बार भी कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। अब तीसरी बार मुझे ऐसा कार्यक्रम बनाना था जिसमें मौसम की वजह से कोई अड़चन ना आए, और थोड़ा बहुत कुछ गड़बड़ हो भी तो कम से कम कार्यक्रम पर उसका विशेष असर ना पड़े, और दादा को मेरी वजह से टिकिट कैंसिल ना करनी पड़े। इसलिए पूरे साल की अपनी प्राइम डेट्स अनुपम दा के नाम कर दी और गोमुख - तपोवन का कार्यक्रम बना डाला। क्यूंकि इस बार कोई गड़बड़ हुई तो दादा मुझे छोड़ने वाले नहीं थे। ट्रेकिंग कैलेंडर में मेरी नजर में सबसे सुरक्षित डेट्स यही होती हैं, जिनमें मौसम की वजह से किसी प्रकार की अड़चन आने की संभावनाएं ना के बराबर ही होती है। 

कार्यक्रम कुछ इस प्रकार तय हुआ कि अनुपम दा गुवाहाटी से दिल्ली और दिल्ली से देहरादून हवाई जहाज से पहुंचेंगे और मै देहरादून में अनुपम दा को मिलूंगा। तारीख तय हो गई दो अक्टूबर की। अनुपम दा की फ्लाइट दिन में दो बजे देहरादून पहुंचेगी इसलिए उन्होंने मेरी उसी दिन सुबह शताब्दी से देहरादून तक की टिकिट बुक करवा दी, जो सुबह सात बजे दिल्ली से चलकर दिन के एक बजे देहरादून पहुंचती है। इस यात्रा में एक और साथी देवेन्द्र कोठारी जी जयपुर से हमारे साथ चल रहे थे। कोठारी जी जयपुर से कोई वोल्वो बस पकड़कर तीन तारीख सुबह सीधा देहरादून पहुंचेंगे। देहरादून से आगे हम लोगों का पब्लिक ट्रांसपोर्ट से पहले उत्तरकाशी व अगले दिन गंगोत्री तक जाने का कार्यक्रम तय हुआ था। 

अनुपम दा और मैंने पूर्व में एक साथ लद्दाख में चादर ट्रैक किया था। शानदार ट्रैकर के साथ - साथ बेहतरीन फोटोग्राफर भी हैं। कोठारी जी और मैंने जम्मू - कश्मीर में "कैलाश कुण्ड" और उत्तराखंड में "कार्तिक स्वामी" ट्रैक साथ किया था। कैलाश कुण्ड ट्रैक के बाद कोठारी जी ने कसम खा ली थी कि भविष्य में कोई ट्रैक नहीं करेंगे लेकिन कुछ महीने बाद ही वो कार्तिक स्वामी ट्रैक पर साथ थे और सबसे आगे चल रहे थे। अबकी बार भी उन्होंने जब मुझसे पूछा कि क्या वो इस ट्रैक को कर लेंगे तो मुझे यकीन था वो कर लेंगे, इसीलिए मैंने हामी भर दी थी। 

नियत तिथि पर मै दिल्ली से व अनुपम दा गुवाहाटी से निकल पड़े। मेरी ट्रेन नई दिल्ली से सात बजे थी और मै सात बजे राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर था। लगा ट्रेन तो छूट ही गई और बस से जाने का मन बना लिया। फिर भी एक ट्राई कर लेता हूं। नई दिल्ली स्टेशन पर जब पहुंचा तो पाया कि धन्य है भारतीय रेलवे, ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी है। ट्रेन छूटने के समय से दस मिनट बाद जब मैं ट्रेन में दाखिल हुआ तो तुरंत ही गाड़ी चल पड़ी। ऐसा लग रहा था कि मेरे इंतजार में ही रुकी हुई थी। उधर अनुपम दा गुवाहाटी से फ्लाइट ले चुके थे, कोठारी जी आज शाम को सीधी देहरादून की वोल्वो से निकलेंगे। 

देहरादून में घंटाघर के नजदीक राजपुर रोड पर ही होटल बुक करवा लिया था, ट्रेन से उतरते ही सीधा होटल पहुंच गया। अनुपम दा के लिए एयरपोर्ट गाड़ी भिजवा दी जो उन्हें सीधा होटल लेकर आ जाएगी। इस यात्रा का कार्यक्रम हमने इस ढंग से प्लान किया था कि बिल्कुल भी हड़बड़ी नहीं करेंगे और बहुत ही आराम से  यात्रा को किया जाएगा। लगभग चार बजे अनुपम दा भी होटल पहुंच गए। हमें देहरादून में कुछ मित्रों को मिलना था व अनुपम दा को यहां का प्रसिद्ध FRI घूमना था। 

होटल से निकलकर FRI पहुंचे तो मालूम पड़ा पांच बजे बाद यहां एंट्री बंद कर दी जाती है, निराश होकर वापिस लौट आए। कुछ ट्रैक से संबंधित खरीददारी कर और अपने मित्रों से मिलने के उपरांत होटल लौट आए। 

क्रमश:........

2 comments:

  1. hy frnd kya aap meri ek help kr skte he
    muje blogs likhne ka bhut sokh he pr blogs kha upload krne he kese krne iske bare me bhut km jankari he
    muje ummid he ki aap meri help jrur kroge
    mere whatspp num. 9610840045 he please aap meri help kijiye

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