शिन्गरा योकमा से ग्याल्पो
दिनांक : 15-1-2018
मुंह पर कुछ ठंडा-ठंडा सा लगा तो आंख खुल गई, हाथ लगाकर देखा तो स्लीपिंग बैग पर बर्फ जमी हुई थी। झाड़ कर साफ़ करने की कोशिश की तो कोशिश बेकार चली गई। इस कोशिश में थोड़ा सा टेंट हिल गया, धड धड़ा धड ऊपर से बर्फ मुंह पर आ गिरी। पूरी रात हमारी सांसों से निकली ऊष्मा बर्फ में तब्दील होती गई व मुंह के आस-पास, स्लीपिंग बैग और सर में पहनी टोपी पर जम गई। जो कुछ बची वो टेंट की छत पर अंदर की ओर से भी जम चुकी थी। हल्का सा भी टेंट हिलता तो सीधे मुंह पर आकर गिरती। कुल मिलाकर चादर पर अगर कोई उठने में लेट लतीफी करे तो उसका इलाज मालूम पड़ गया, टेंट हल्का सा हिला दो, खुद ब खुद उठ जाएगा, आज यह ज्ञान प्राप्त हुआ।